चक्कर घुम्यो - आमिर (2008)
फिल्म : आमिर
संगीतकार : अमित त्रिवेदी
गीतकार : अमिताभ भट्टाचार्य
गायक : अमित त्रिवेदी
ढींग टांग टांग, ढींग टांग टांग टिडिंग टिंग, ढींग टांग टांग
अरे चलते चलते हाय हाय
हल्लू हल्लू दायें बाएं हो
अरे देखूं आएं बाएं साएँ
ज़िन्दगी की झाएँ-झाएँ हो
अरे निकले थे कहाँ को
और किधर को आये के चक्कर घुम्यो
अरे पल्ले कुछ पड़े ना
कोई समझाए के चक्कर घुम्यो
अरे घुम्यो रे ...
हाय घुम्यो, रे घुम्यो चक्कर घुम्यो
हाय हाय घुम्यो रे घुम्यो घुम्यो रे घुम्यो चक्कर घुम्यो
अरे ले फूटी, किस्मत की फूटी मटकी
रे फूटी, ठोकर लागी तो चिटकी
खेल कबड्डी लागा, खेल कबड्डी लागा
भूल के दुनियादारी यारा खेल कबड्डी लागा
नींद खुली तो जागा
नींद खुली जो हाय के चक्कर घुम्यो
पल्ले कुछ पड़े ना
कोई समझाए के चक्कर घुम्यो
अरे घुम्यो रे ...
हाय घुम्यो, रे घुम्यो चक्कर घुम्यो
हाय हाय घुम्यो घुम्यो घुम्यो घुम्यो घुम्यो घुम्यो घुम्यो चक्कर घुम्यो
ढींग टांग टांग, ढींग टांग टांग टिडिंग टिंग, ढींग टांग टांग
चिक्कोटी वक़्त ने काटी ऐसी चिक्कोटी
खुन्नस में तेरी सटकी
छींक मारे लागा, छींक मारे लागा
झाडा सच को धूल उडी तो छींक मारे लागा
नींद खुली तो जागा
नींद खुली जो हाय के चक्कर घुम्यो
अरे पल्ले कुछ पड़े ना
कोई समझाए के चक्कर घुम्यो
अरे घुम्यो रे ...
हाय घुम्यो, रे ऐसे चक्कर घुम्यो
हाय हाय घुम्यो हाय हाय घुम्यो रे घुम्यो रे घुम्यो चक्कर घुम्यो
संगीतकार : अमित त्रिवेदी
गीतकार : अमिताभ भट्टाचार्य
गायक : अमित त्रिवेदी
ढींग टांग टांग, ढींग टांग टांग टिडिंग टिंग, ढींग टांग टांग
अरे चलते चलते हाय हाय
हल्लू हल्लू दायें बाएं हो
अरे देखूं आएं बाएं साएँ
ज़िन्दगी की झाएँ-झाएँ हो
अरे निकले थे कहाँ को
और किधर को आये के चक्कर घुम्यो
अरे पल्ले कुछ पड़े ना
कोई समझाए के चक्कर घुम्यो
अरे घुम्यो रे ...
हाय घुम्यो, रे घुम्यो चक्कर घुम्यो
हाय हाय घुम्यो रे घुम्यो घुम्यो रे घुम्यो चक्कर घुम्यो
अरे ले फूटी, किस्मत की फूटी मटकी
रे फूटी, ठोकर लागी तो चिटकी
खेल कबड्डी लागा, खेल कबड्डी लागा
भूल के दुनियादारी यारा खेल कबड्डी लागा
नींद खुली तो जागा
नींद खुली जो हाय के चक्कर घुम्यो
पल्ले कुछ पड़े ना
कोई समझाए के चक्कर घुम्यो
अरे घुम्यो रे ...
हाय घुम्यो, रे घुम्यो चक्कर घुम्यो
हाय हाय घुम्यो घुम्यो घुम्यो घुम्यो घुम्यो घुम्यो घुम्यो चक्कर घुम्यो
ढींग टांग टांग, ढींग टांग टांग टिडिंग टिंग, ढींग टांग टांग
चिक्कोटी वक़्त ने काटी ऐसी चिक्कोटी
खुन्नस में तेरी सटकी
छींक मारे लागा, छींक मारे लागा
झाडा सच को धूल उडी तो छींक मारे लागा
नींद खुली तो जागा
नींद खुली जो हाय के चक्कर घुम्यो
अरे पल्ले कुछ पड़े ना
कोई समझाए के चक्कर घुम्यो
अरे घुम्यो रे ...
हाय घुम्यो, रे ऐसे चक्कर घुम्यो
हाय हाय घुम्यो हाय हाय घुम्यो रे घुम्यो रे घुम्यो चक्कर घुम्यो
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