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Amit Trivedi interview on ETC

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On Bollywood Business .

Amit Trivedi on CNBC TV18's Beautiful People

Part 1 Part 2 Part 3

By the way - आयेशा (2010)

फिल्म : आयेशा संगीतकार : अमित त्रिवेदी गीतकार : जावेद अख्तर गायक : अनुष्का मनचंदा और न्यूमन पिंटो तुमसे कह देंगे हम सारी बातें कैसे हैं अपने दिन, कैसी रातें कोई ना कोई हलचल, रहती है दिल में हर पल लोग हैं कहते पागल हमको By the way, on the way हमको जो मिली है ज़िन्दगी गाती है, हँसती है बदली सी है ज़रा रूठे भी, माने भी हर लम्हा नयी है ज़िन्दगी Moody है, ज़िद्दी है क्या करें, क्या पता रुकते हैं कहाँ हम रोके से चलते हैं हवा के झोंके से अपनी तो ऐसी है ज़िन्दगी यही अपनी अदा है क्या करें कोई बुरा जो माने, क्या करें हमसे तो हैं ख़फ़ा अब सभी जाने दो, छोडो भी (Guitar solo) धड़कन की जो कहानी है खुलके अब तो सुनानी है भूल नहीं सकता है इसको है जिसने सुना क्या चीज़ ये जवानी है जो बात है दीवानी है सोचोगे तो जानोगे, रस्ता क्यों हमने चुना By the way, on the way जब दिल से हुई थी दोस्ती हमने भी, दिलने भी था ये वादा कर लिया जो भी हो, हमको तो डरना ही नहीं है अब कभी जब हमें जो लगा हमने वही कह दिया रुकते हैं कहाँ हम रोके से चलते हैं हवा के झोंके से अपनी तो ऐसी है ...

आज़ादियाँ - उड़ान (2010)

फिल्म : उड़ान संगीतकार : अमित त्रिवेदी गीतकार : अमिताभ भट्टाचार्य गायक : अमित त्रिवेदी, न्यूमन पिंटो, निखिल डिसूज़ा और अमिताभ भट्टाचार्य पैरों की बेड़ियाँ ख़्वाबों को बांधे नहीं रे कभी नहीं रे मिट्टी की परतों को नन्हे से अंकुर भी चीरे धीरे धीरे इरादे हरे भरे, जिनके सीनों में घर करे वो दिल की सुने, करे ना डरे, ना डरे सुबह की किरणों को रोके जो सलाखें हैं कहाँ जो ख़्यालों पे पहरे डाले वो आँखें हैं कहाँ पर खुलने की देरी है परिंदे उड़के चूमेंगे आसमान, आसमान, आसमान ... सुबह की किरणों को रोके जो सलाखें हैं कहाँ जो ख़्यालों पे पहरे डाले वो आँखें हैं कहाँ पर खुलने की देरी है परिंदे उड़के चूमेंगे आसमान, आसमान, आसमान ... आज़ादियाँ, आज़ादियाँ, आगे ना कभी मिले, मिले, मिले आज़ादियाँ, आज़ादियाँ, जो छीने वही जी ले, जी ले, जी ले सुबह की किरणों को रोके जो सलाखें हैं कहाँ जो ख़्यालों पे पहरे डाले वो आँखें हैं कहाँ पर खुलने की देरी है परिंदे उड़के चूमेंगे आसमान, आसमान, आसमान ... सुबह की किरणों को रोके जो सलाखें हैं कहाँ जो ख़्यालों पे पहरे डाले वो आँखें हैं कहाँ पर खुलने क...

नाव - उड़ान (2010)

फिल्म : उड़ान संगीतकार : अमित त्रिवेदी गीतकार : अमिताभ भट्टाचार्य गायक : मोहन, जोई बरुआ, न्यूमन पिंटो चढ़ती लहरें लांघ ना पाए क्यों हाँफती सी नाव है तेरी, नाव है तेरी तिनका तिनका जोड़ के साँसें क्यों नापती सी नाव है तेरी, नाव है तेरी उलटी बहती धार है बैरी, धार है बैरी उलटी बहती धार है बैरी, धार है बैरी के अब कुछ कर जा रे बन्दे जिगर जुटा के पाल बाँध ले है बात ठहरी जान पे तेरी, शान पे तेरी हैया-हो की तान साध ले जो बात ठहरी जान पे तेरी, शान पे तेरी चल जीत जीत लहरा जा परचम तू लाल फहरा जा अब कर जा तू, या मर जा कर ले तैयारी उड़ जा बन के धूप का पंछी छुड़ा के गहरी छाँव अंधेरी, छाँव अंधेरी तिनका तिनका जोड़ ले साँसें क्यों हाँफती सी नाव है तेरी, नाव है तेरी रख देगा झकझोरके  तुझे तूफ़ानों का घोर है डेरा, घोर है डेरा (घोर है डेरा, घोर है डेरा) भँवर से डर जो हार मान ले काहे का फिर जोर है तेरा, जोर है तेरा (जोर है तेरा) है दिल में रोशनी तेरे तू चीर डाल सब घेरे लहरों की गर्दन कसके डाल फंदे रे के दरिया बोले वाह रे पंथी सर आँखों पे नाव है तेरी, नाव है तेरी...

Amitabh Bhattacharya & Amit Trivedi sing 'Geet' from Udaan

Amitabh Bhattacharya is another genius. His lyrics for Naav are unbelievable!!

Amit Trivedi sings Acoustic version of Aazadiyan from Udaan!

Rahman is God. Amit Trivedi is junior God. When there is such a dearth of Amit Trivedi videos, this is like an oasis in a desert. Enjoy!!

Amit Trivedi thanks his fans

and we thank him back. Thank you Amit, we love you!!

Raising the Bar

Indian Express article about my two favorite new music directors - Amit Trivedi and Sneha Khanwalkar - http://www.indianexpress.com/news/raising-the-bar/431766/0

एक लौ - आमिर (2008)

फिल्म : आमिर संगीतकार : अमित त्रिवेदी गीतकार : अमिताभ भट्टाचार्य गायक : शिल्पा राव और अमिताभ गर्दिशों में रहती, बहती गुज़रती, ज़िंदगियाँ हैं कितनी इनमें से एक है, तेरी मेरी या कहीं, कोई एक जैसी अपनी पर ख़ुदा ख़ैर कर, ऐसा अंजाम किसी, रूह को ना दे कभी यहाँ गुंचा मुस्कुराता एक, वक़्त से पहले क्यों, छोड़ चला तेरा ये जहाँ एक लौ इस तरह क्यों बुझी मेरे मौला एक लौ ज़िन्दगी की मौला एक लौ इस तरह क्यों बुझी मेरे मौला एक लौ ज़िन्दगी की मौला धूप के उजाले से, ओस के प्याले से, खुशियाँ मिले हमको ज़्यादा माँगा है कहाँ, सरहदें ना हो जहाँ, दुनिया मिले हमको पर ख़ुदा ख़ैर कर, उसके अरमान में क्यों, बेवजह हो कोई कुर्बां गुंचा मुस्कुराता एक, वक़्त से पहले क्यों, छोड़ चला तेरा ये जहाँ एक लौ इस तरह क्यों बुझी मेरे मौला एक लौ ज़िन्दगी की मौला एक लौ इस तरह क्यों बुझी मेरे मौला एक लौ ज़िन्दगी की मौला एक लौ इस तरह क्यों बुझी मेरे मौला एक लौ ज़िन्दगी की मौला एक लौ इस तरह क्यों बुझी मेरे मौला एक लौ ज़िन्दगी की मौला एक लौ इस तरह क्यों बुझी मेरे मौला एक लौ ज़िन्दगी की मौला एक लौ इस तरह क्यों ...

फँस गया (Never Mind) - आमिर (2008)

फिल्म : आमिर संगीतकार : अमित त्रिवेदी गीतकार : अमिताभ भट्टाचार्य गायक : न्यूमन पिंटो Hooooo ... N-n-n-n-n-never mind, never mind तकदीरें दौड़ती रफ़्तार में पटरी पे वक़्त की कतार में हैरत के मंज़र ये दिखलाती है आपस में जब भी ये टकराती है क्या तूने सोचा था, क्यूँ होगा हो गया पिंजरे में यूँ दाखिल तू होगा हो गया फँस गया, फँस गया Whoa oh oh never mind, फँस गया, फँस गया Whoa oh oh never mind. कुछ हादसों की यह ज़ंजीर है टुकडों में होने की तस्वीर है कब्ज़े में आये जो, वो ही सही ये तेरी बारी थी, तू ही सही क्या तूने सोचा था, क्यूँ होगा हो गया पिंजरे में यूँ दाखिल तू होगा हो गया फँस गया, फँस गया Whoa oh oh never mind, फँस गया, फँस गया Whoa oh oh never mind. ज-ज-जैसे थामे कोई डोर अंजाम खींचे अपनी ओर छटपटा के तू रह जायेगा इस रात का ना कोई भोर लम्हे ये दो धारी तलवार है तुझे चीरने को जो तैयार है क्या तूने सोचा था, यूँ होगा हो गया पिंजरे में यूँ दाखिल तू होगा हो गया फँस गया, फँस गया Whoa oh oh never mind, फँस गया, फँस गया Whoa oh oh never mind. (Trumpe...

हारा - आमिर (2008)

फिल्म : आमिर संगीतकार : अमित त्रिवेदी गीतकार : अमिताभ भट्टाचार्य गायक : अमित त्रिवेदी बशर बशर हर डगर डगर पर (डगर डगर पर, डगर डगर पर) बिखर बिखर कर उमर उमर भर (उमर उमर भर, उमर उमर भर) हारा, हारा, हारा, हस्ती धुन्धलाये हारा, हारा, हारा, ना कहीं मिट जाए तितर बितर हर पहर पहर डर (पहर पहर डर, पहर पहर डर) कहर कहर ढाए ठहर ठहर कर (ठहर ठहर कर, ठहर ठहर कर) हारा, हारा, हारा, ये कहीं दहलाए हारा, हारा, हारा, डसती ही जाए ओ काली हवाएं हर साँस दबोचे (साँस दबोचे, साँस दबोचे) ओ सारे जिस्म हर तार को नोचे (तार को नोचे, तार को नोचे) ओ निशाना, निशाना, निशाना ताने हुए साये, ये साये, हैं साये खड़े हुए बशर बशर हर डगर डगर पर (डगर डगर पर, डगर डगर पर) बिखर बिखर कर उमर उमर भर (उमर उमर भर, उमर उमर भर) हारा, हारा, हारा, हस्ती धुन्धलाये हारा, हारा, हारा, ना कहीं मिट जाए

चक्कर घुम्यो - आमिर (2008)

फिल्म : आमिर संगीतकार : अमित त्रिवेदी गीतकार : अमिताभ भट्टाचार्य गायक : अमित त्रिवेदी ढींग टांग टांग, ढींग टांग टांग टिडिंग टिंग, ढींग टांग टांग अरे चलते चलते हाय हाय हल्लू हल्लू दायें बाएं हो अरे देखूं आएं बाएं साएँ ज़िन्दगी की झाएँ-झाएँ हो अरे निकले थे कहाँ को और किधर को आये के चक्कर घुम्यो अरे पल्ले कुछ पड़े ना कोई समझाए के चक्कर घुम्यो अरे घुम्यो रे ... हाय घुम्यो, रे घुम्यो चक्कर घुम्यो हाय हाय घुम्यो रे घुम्यो घुम्यो रे घुम्यो चक्कर घुम्यो अरे ले फूटी, किस्मत की फूटी मटकी रे फूटी, ठोकर लागी तो चिटकी खेल कबड्डी लागा, खेल कबड्डी लागा भूल के दुनियादारी यारा खेल कबड्डी लागा नींद खुली तो जागा नींद खुली जो हाय के चक्कर घुम्यो पल्ले कुछ पड़े ना कोई समझाए के चक्कर घुम्यो अरे घुम्यो रे ... हाय घुम्यो, रे घुम्यो चक्कर घुम्यो हाय हाय घुम्यो घुम्यो घुम्यो घुम्यो घुम्यो घुम्यो घुम्यो चक्कर घुम्यो ढींग टांग टांग, ढींग टांग टांग टिडिंग टिंग, ढींग टांग टांग चिक्कोटी वक़्त ने काटी ऐसी चिक्कोटी खुन्नस में तेरी सटकी छींक मारे लागा, छींक मारे लागा झाडा सच को ध...

हा रहम (महफूज़) - आमिर (2008)

फिल्म : आमिर संगीतकार : अमित त्रिवेदी गीतकार : अमिताभ भट्टाचार्य गायक : मुर्तज़ा कादिर, अमिताभ और अमित त्रिवेदी अल्लाह ... आनी जानी है कहानी बुलबुले सी ज़िंदगानी बनती कभी बिगड़ती तेज़ हवा से लड़ती, भिड़ती हा रहम, हा रहम, फ़रमाए ख़ुदा हा रहम, हा रहम, फ़रमाए ख़ुदा महफूज़ हर कदम करना ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा महफूज़ हर कदम करना ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा अल्लाह ... साँसों की सूती डोर अनूठी जल जाएगी, जल जाएगी बंद जो लाए थे हाथ की मुट्ठी खुल जाएगी, खुल जाएगी क्या गुमान करे काया ये उजली मिट्टी में मिल जाएगी चाहे जितनी शमाएँ रोशन कर ले धूप तो ढल जाएगी, जाएगी हा रहम, हा रहम, फ़रमाए ख़ुदा हा रहम, हा रहम, फ़रमाए ख़ुदा महफूज़ हर कदम करना ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा महफूज़ हर कदम करना ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा सोने चमक में, सिक्कों खनक में मिलता नहीं, मिलता नहीं धूल के ज़र्रों में ढूंढे कोई तू मिलता वहीँ, मिलता वहीँ क्या मजाल तेरी मर्ज़ी के आगे बन्दों की चल जाएगी थामे ऊँगली जो तू, कठपुतली भी चाल बदल जाएगी, जाएगी हा रहम, हा रहम, फ़रमाए ख़ुदा हा रहम, हा रहम, फ़रमाए ख़ुदा महफूज़ हर कदम करना ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा ...