फँस गया (Never Mind) - आमिर (2008)

फिल्म : आमिर
संगीतकार : अमित त्रिवेदी
गीतकार : अमिताभ भट्टाचार्य
गायक : न्यूमन पिंटो

Hooooo ...
N-n-n-n-n-never mind, never mind

तकदीरें दौड़ती रफ़्तार में
पटरी पे वक़्त की कतार में
हैरत के मंज़र ये दिखलाती है
आपस में जब भी ये टकराती है

क्या तूने सोचा था, क्यूँ होगा हो गया
पिंजरे में यूँ दाखिल तू होगा हो गया

फँस गया, फँस गया
Whoa oh oh never mind,
फँस गया, फँस गया
Whoa oh oh never mind.


कुछ हादसों की यह ज़ंजीर है
टुकडों में होने की तस्वीर है
कब्ज़े में आये जो, वो ही सही
ये तेरी बारी थी, तू ही सही

क्या तूने सोचा था, क्यूँ होगा हो गया
पिंजरे में यूँ दाखिल तू होगा हो गया

फँस गया, फँस गया
Whoa oh oh never mind,
फँस गया, फँस गया
Whoa oh oh never mind.


ज-ज-जैसे थामे कोई डोर
अंजाम खींचे अपनी ओर
छटपटा के तू रह जायेगा
इस रात का ना कोई भोर
लम्हे ये दो धारी तलवार है
तुझे चीरने को जो तैयार है

क्या तूने सोचा था, यूँ होगा हो गया
पिंजरे में यूँ दाखिल तू होगा हो गया

फँस गया, फँस गया
Whoa oh oh never mind,
फँस गया, फँस गया
Whoa oh oh never mind.


(Trumpet)


Whoa oh oh never mind,
Whoa oh oh never mind,
Hooooo ...
N-n-n-n-n-never mind, never mind,
Hooooo ...
N-n-n-n-n-never mind, never mind.

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